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जन्म पत्रिका मॉडल

ज्योतिषीय गणनाओं के द्वारा विभिन्न मॉड़ल सहित विवरण

1. जन्मपत्रिका

जन्मपत्रिका जन्म विवरण, पंचांग, घातक चक्र, अवकहड़ा, ग्रह स्पष्ट, लग्न कुण्डली, चंद्र कुण्डली,नवांश, चलित सारणी, निरयण भाव चलित सारणी, तारा चक्र, चलित कुण्डली, निरयण भाव चलित कुण्डली, ग्रह सारणी, निरयण भाव सारणी, निरयण भाव चलित कुण्डली, ग्रह दृष्टि, भाव दृष्टि, (कृष्णमूर्ति पद्धति) कुण्डली, भाव कारक, ग्रह कारक,नियंत्रक ग्रह, कारक सारणी, मैत्री सारणी, पंच मैत्री सारणी, उपग्रह एवं आरुढ़ षन्नाडी चक्र, सूर्य कुण्डली, चंद्र कुण्डली, लग्न कुण्डली, होरा,द्रेष्काण, चतुर्थांश, पंचमांश,षष्ठांश, सप्तांश, अष्ठांश, नवांश, दशांश, एकादशांश, द्वादशांश, षोड़शांश, विशांश, चतुर्विशांश, सप्तविशांश, त्रिशांश, खवेदांश, अक्षवेदांश, षष्ठिआंश, षोड़सवर्ग, वर्ग भेद, कष्ट/इष्ट फल, भाव बल, विंशोपक बल सारणी, षट्बल और भावबल सारणी, अष्टकवर्ग सारिणी संशोधन से पूर्व, अष्टकवर्ग सारिणी त्रिकोण संशोधन के पश्चात्, सर्वाष्टकबल बिंदु ग्राफ सौर्यपिंड सारिणी, महादशा एवं अन्तर दशा, सूक्ष्म विंशोत्तरी दशा षोडषोत्तरी दशा के प्रत्यंतर, अष्ट्टोत्तरी के प्रत्यंतर, योगिनी अन्तर दशा, चर अन्तर दशा और त्रिभागी दशा के प्रत्यंतर का भोग्यकाल सम्मिलित हैं।

 

जन्मपत्रिका में उपाय:-

जन्मपत्रिका में उपाय-प्रस्तुत विवरण में अनुकूल प्रसंग, रत्न विचार, रत्न धारण, फल और उपाय, मंत्र विचार विवरण, ग्रह योग कारक सहित, साढ़ेसाती विचार, साढ़ेसाती उपाय, मांगलिक विचार एवं कालसर्प दोष फल और उपाय विवरण सहित दिये गये हैं। कुण्डली का संक्षिप्त विश्लेषण, नक्षत्र विचार, कुण्डली के समस्त भावों का विश्लेषण तथा महादशा तथा अन्तर दशा का फलादेश विवरण। जातक की जन्मपत्रिका के सम्पूर्ण शुभ तथा अशुभ योगों का विवरण एवं ग्रह गोचर वर्ष का भविष्य फल निहित है।

 

एस्ट्रोग्राफ (आर्थिक एवं स्वास्थ्य):-

स्वास्थ्य व धन का उतार चढ़ाव ग्राफ द्वारा दर्षित।

 

2. वर्ष फल:-

जन्म विवरण, जन्मलग्न और चलित, वर्ष लग्न और चलित कुण्डली, चंद्र कुंडली और नवमांश मैत्री, द्वादश वर्ग, द्वादशवर्गीय सारणी, हर्षबल, पंचवर्गीय वर्षेष, सहम, त्रिपतीका चक्र, ताजिक योग तथा मासिक फलादेष मुद्दा और सूक्ष्म विंशोत्तरी दशा सम्बंधित गणनायें ।

 

3. लाल किताब से अपना भविष्य जानिये:-

लाल किताब की इस जन्मपत्रिका में जन्मकुण्डली, दशा, ग्रह स्पष्ट, लाल किताब कुण्डली व वर्ष कुण्डली के साथ यह भी बताया गया है कि आपका एवं परिवार का स्वास्थ्य कैसा रहेगा एवं उनका आपके प्रति व्यवहार कैसा रहेगा। इसमें रत्न कौन सा धारण करें व अन्य उपायों के साथ ग्रह फल, दशा फल व वर्षफल आदि भी दिए गए हैं। प्रयत्न किया गया है कि जातक को जिस प्रकार की जानकारी प्राप्त करने की अभिलाषा रहती है वह पूरी तरह दी जा सके।
लालकिताब जन्मपत्रिका को ध्यान से पढ़ने पर आपको यह मालूम होगा कि आपके साथ क्या घटना घटित हो रही है। ग्रहों के आधार पर यह भी बताया गया है कि अमुक जातक को पूजा-पाठ करना चाहिए या नहीं। वर्षफल में जिन सावधानियों को बरतने के लिये कहा गया है, उन सावधानियों के प्रति आजीवन सतर्क रहें। जो बातें आपके लिये शुभ लिखी गयी है, उनको अपने जीवन में अवश्य अपनाएं एवं जिन बातों को आपके लिये अशुभ लिखा गया है उन बातों को निश्चय कर हमेशा के लिये त्याग दें।
इस लालकिताब में व्यवसाय, कारोबार, नौकरी आदि के बारे में भी बतलाया गया है। इनसे संबंधित आपके लिये क्या लाभदायक रहेगा और क्या हानिकारक रहेगा इसकी विशेष जानकारी दी गयी है। जीवन में अधिक सफलता प्राप्त करने के लिए लालकिताब के उपाय जिस समय तथा जिन आयु में करने के लिए कहे गये हैं उन्हीं आयु में ही करें।
लालकिताब में जीवन में आने वाली कठिनाईयों का समय भी दर्शाया गया है। जीवन में कब कहां और जीवन के किस मोड़ पर कौन सी परेशानी आ सकती है यह तो बताया ही गया है साथ ही इनसे बचने के उपाय भी बताये हैं। यदि आपका समय अच्छा चल रहा है और आप अपने लिए दिये गये उपाय कर रहे हैं तो आपके भाग्य का फल कई गुना बढ़ जायेगा और यदि प्रतिकूल समय में आप यह उपाय कर रहे हैं तो आपका बुरा समय धीरे-धीरे नष्ट हो जायेगा एवं सफलता आपके कदमों को चूमेगी।

 

4. अंक ज्योतिष:-

मूलांक तथा भाग्यांक पर आधारित शुभ व अशुभ का ज्ञान अंक ज्योतिष के अनुसार सौ वर्षों का अंक ग्राफ, चरित्र विश्लेषण, उपाय आपके नाम तथा जन्म के अनुसार अंकों का मिलान तथा नाम परिवर्तन के लिए सुझाव।

 

5. कुण्डली मेलापक (गुण मिलान) एवं विशेष विश्लेषण:-

गुण मिलान पत्रिका जिसमें जन्म विवरण, ग्रह स्पष्ट, लग्न कुण्डलियॉं, अष्टकूट गुण सारणी, मंगल दोष मिलान और मिलान निश्कर्ष, चंद्र कुण्डली और उभय पक्षों की नवांश कुण्डलियॉं सम्मिलित सहित वर वधु के भविष्यफल प्रस्तुत हैं।
विशेष गुण मिलान विश्लेषण:- वर वधु के सूर्य, मंगल, शनि, राहु व केतु के द्वारा लग्न, चन्द्र, शुक्र व सप्तम के स्वामी से पापा समयम् सारणी द्वारा अच्छे व बुरे अंको का मिलान एवं वर वधु के महादोष मंगल तथा राहु दोषों की हानि व लाभ तथा अंतर का परिणाम। वर वधु के लग्न से ग्रहों व भावों से मिलान, वर वधु के लग्न से नवांश कुण्डलियॉं के ग्रहों व भावों का मिलान।

 

6. मुहूर्त्त:-

आपकी जन्मपत्रिका द्वारा (100 प्रतिषत शुद्ध) विविध कार्यो के लिए सभी प्रकार के कम्प्यूटराईज्ड मुहूर्त्त

जन्मपत्रिका माडॅल बनवाने हेतु विवरण ...